मंगलवार, जनवरी 27, 2009

वार्षिक संगीतमाला 2008 - पायदान संख्या 15 : दिल हारा रे..सुखविंदर सिंह की उर्जात्मक प्रस्तुति !

वार्षिक संगीतमाला २००८ में अब बचे हैं चोटी के पन्द्रह गीत। अब तक पेश निचली पायदानों के दस गीतों में पाँच ए. आर रहमान और तीन विशाल शेखर के द्वारा संगीत निर्देशित रहे हैं। १४ वीं पायदान का ये गीत एक बार फिर विशाल शेखर की झोली में है। टशन फिल्म के इस गीत को गाया आजकल के बहुचर्चित गायक सुखविंदर सिंह ने, गीत के बोल लिखे बहुमुखी प्रतिभा के धनी पीयूष मिश्रा ने।

वैसे तो ये गीत इस संगीतमाला के तीन झूमने झुमाने वाले गीतों में से एक है। इस कोटि का एक गीत आप २५ वीं पायदान पर सुन चुके हैं और इसी तरह की मस्ती और उर्जा से भरपूर एक गीत आपको पहली पाँच पायदानों के अंदर सुनने को मिलेगा। तो जब तक आप सोचे विचारें वो गीत कौन सा हो सकता है , तब तक इस गीत के बारे में कुछ बात कर ली जाए

१४ वीं पायदान का गीत उनके लिए है जो जीवन को बेफिक्री के साथ मस्तमौला अंदाज़ में जीते हैं। जिनके सिर पर ना तो बीते कल का बोझ है और ना ही आने वाले कल की चिंता। जो ना सामने आने वाले खतरों की परवाह करते हैं और ना ही याद रखते हैं अपने अतीत को। पर जिंदगी की इस दौड़ में अगर ये हारे हैं तो बस अपने दिल से...
भारतीय नाट्य संस्थान से स्नातक, अभिनेता और गीतकार पीयूष मिश्रा ने गीत में इन भावों को तो खूबसूरती से पिरोया है। विशाल शेखर का संगीत गीत के साथ थिरकने पर मजबूर करता है। सुखविंदर सिंह की आवाज़ इस तरह के उर्जात्मक गीतों के लिए बिल्कुल उपयुक्त है। इसलिए तो गीत सुनते ही श्रोताओं के मुँह से ये सहज निकलता है कि इन्होंने तो समा ही बाँध दिया..

तो आइए डालें इस गीत के बोलों पर इक नज़र


कैसे भागे रे, पागल मनवा
ताबड़ तोड़ नाच लूँ , नाच लूँ, नाच लूँ, नाच लूँ, रे
हो हो छप्पन तारे तोड़ नाच लूँ
सूरज चंदा मोड़ नाच लूँ
अब तो ताबड़ तोड़ नाच लूँ
मैं तो बंजारा रे

बन के आवारा मैं किस मेले में पहुँच गया हूँ
कोई तो रोको खो जाऊँ रे
मस्ती का मारा, ये क्या बोलूँ मैं, किसे कहूँ मैं
दिल का मैं हारा हो जाऊँ रे
दिल हारा रे.....
दिल हारा हारा, दिल हारा हारा, मैं हारा
ओ यारा रे...दिल हारा हारा, दिल हारा हारा, मैं हारा दिल हारा रे....

आज अकेले हर हालात से आगे
जुबानी बात से आगे चला आया
हर तारे की आँख में आँखें डाले
चाँदनी रात से आगे चला आया
किसको बोलूँ मैं, कैसे बोलूँ मैं
कोई मुझको बता के जाए, कोई तो बता जाए
दिल हारा रे.........

हो..रस्ता बोला, रे कि थक जाएगा
बीच में रुक जाएगा, अभी रुक जा
अरे आगे जा के, गरज के आँधी होगी
गरज के तूफाँ होगा, अभी रुक जा
मैं तो दीवाना, बोला आ जाना
दोनों संग में चलेंगे हाँ
आ भी जा तू आ जा रे
दिल हारा रे.........


Related Posts with Thumbnails

6 टिप्पणियाँ:

Udan Tashtari on जनवरी 27, 2009 ने कहा…

आपका चयन पुनः उम्दा रहा एवं पायदान के अनुरुप.

बेनामी ने कहा…

सुखीजी ,तुस्सी ग्रेट हो !
-अफ़लातून/स्वाति

कंचन सिंह चौहान on जनवरी 28, 2009 ने कहा…

सच कहा ऊर्जावान गीत है ये

mamta on जनवरी 28, 2009 ने कहा…

गीतकार का नाम तो हमें पता नही था पर हाँ गीत बहुत अच्छा लगा ।

Urvashi on जनवरी 29, 2009 ने कहा…

You are right when you say that Sukhwinder Singh is the best choice for this song. It is a very intense song, and Sukhwinder is the right choice.

Manish Kumar on जनवरी 31, 2009 ने कहा…

Thx all of you for liking this energitic song of Sukhwinder Singh.

 

मेरी पसंदीदा किताबें...

सुवर्णलता
Freedom at Midnight
Aapka Bunti
Madhushala
कसप Kasap
Great Expectations
उर्दू की आख़िरी किताब
Shatranj Ke Khiladi
Bakul Katha
Raag Darbari
English, August: An Indian Story
Five Point Someone: What Not to Do at IIT
Mitro Marjani
Jharokhe
Mailaa Aanchal
Mrs Craddock
Mahabhoj
मुझे चाँद चाहिए Mujhe Chand Chahiye
Lolita
The Pakistani Bride: A Novel


Manish Kumar's favorite books »

स्पष्टीकरण

इस चिट्ठे का उद्देश्य अच्छे संगीत और साहित्य एवम्र उनसे जुड़े कुछ पहलुओं को अपने नज़रिए से विश्लेषित कर संगीत प्रेमी पाठकों तक पहुँचाना और लोकप्रिय बनाना है। इसी हेतु चिट्ठे पर संगीत और चित्रों का प्रयोग हुआ है। अगर इस चिट्ठे पर प्रकाशित चित्र, संगीत या अन्य किसी सामग्री से कॉपीराइट का उल्लंघन होता है तो कृपया सूचित करें। आपकी सूचना पर त्वरित कार्यवाही की जाएगी।

एक शाम मेरे नाम Copyright © 2009 Designed by Bie