बुधवार, नवंबर 19, 2008

सो गए हैं खो गए हैं दिल के अफसाने : फिल्म 'ज़ुबैदा' का एक संवेदनशील गीत

सन २००० में एक फिल्म आई थी ज़ुबैदा जिसमें करिश्मा कपूर का अभिनय श्याम बेनेगल के निर्देशन में निखर कर सामने आया था। पर इस फिल्म की एक और खासियत थी और वो थी जावेद अख्तर के खूबसूरत बोलों पर दिया गया ए आर रहमान का बेहतरीन संगीत। यूँ तो इस फिल्म के तमाम गीत बेहतरीन थे पर एक नग्मा जरूर अपने मूड में बाकी गीतों से अलहदा सा था। वैसे भी उदास नग्मे, दिल के कोनों में अक्सर ज्यादा दिन तक कब्जा जमा लेते हैं इसलिए ज़ुबैदा के गीतों को जब याद करता हूँ तो यही गीत मन में सबसे पहले उभरता है....

ख्वाहिशों की चिता में अगर आग लग जाए तो क्या होगा ? सारे अरमान राख ही तो हो जाएँगे । पर उस राख के बीच सुलगती हल्की सी चिंगारी को कोई नाउम्मीद कैसे करे ? उसे तो हमेशा ही आशा रहती है हवा के एक झोंके की जो शायद कभी उस चिंगारी को धधकती ज्वाला का रूप दे जाए।

कुछ ऍसे ही अहसास जगा जाता है लता जी का गाया ये गीत ...

मुखड़े के पहले रहमान जिस धुन से इस गीत का आगाज़ करते हैं वो पूरे गीत की उदासी को अपने में समाहित करती सी चलती है। और इंटरल्यूड्स में दिया गया संगीत इस मायूसी को हम तक बहा कर ले आता है।

वहीं दमित संकुचित इच्छाओं को जावेद अख्तर जब इस ढ़ंग से उभारते हैं

दिल में इक परछाई है लहराई सी
आरज़ू मेरी है इक अंगड़ाई सी
इक तमन्ना है कहीं शरमाई सी


तो मन वाह वाह किए बिना नही रह पाता !

तो आइए सुनें रहमान, जावेद और लता जी का ये सम्मिलित शानदार प्रयास



सो गए हैं खो गए हैं दिल के अफसाने
सो गए हैं खो गए हैं दिल के अफसाने
कोई तो आता फिर से कभी इनको जगाने

सो गए हैं खो गए हैं दिल के अफसाने
सो गए हैं खो गए हैं दिल के अफसाने

साँस भी लेती हैं जो कठपुतलियाँ
उनकी भी थामें हैं कोई डोरियाँ
आँसुओं में भीगी ये खामोशियाँ

सो गए हैं खो गए हैं दिल के अफसाने
सो गए हैं खो गए हैं दिल के अफसाने

दिल में इक परछाई है लहराई सी
आरज़ू मेरी है इक अंगड़ाई सी
इक तमन्ना है कहीं शरमाई सी

सो गए हैं खो गए हैं दिल के अफसाने
सो गए हैं खो गए हैं दिल के अफसाने


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10 टिप्पणियाँ:

रंजू भाटिया on नवंबर 19, 2008 ने कहा…

इस गाने के बोल बहुत ही सुंदर हैं ..सुनवाने के शुक्रिया

Abhishek Ojha on नवंबर 19, 2008 ने कहा…

सच कहूं तो ये गाना पहले इतने ध्यान से कभी नहीं सुना था जितना अब सुनूंगा.

योगेन्द्र मौदगिल on नवंबर 19, 2008 ने कहा…

बेहतरीन प्रस्तुति के लिये बधाई स्वीकारें

pallavi trivedi on नवंबर 20, 2008 ने कहा…

ओह..ये गाना तो मुझे भी बेहद पसंद है!शुक्रिया सुनवाने के लिए!

बाल भवन जबलपुर on नवंबर 20, 2008 ने कहा…

Wah Wah

Dr. Nazar Mahmood on नवंबर 20, 2008 ने कहा…

मनमोहक.
बहुत खूब !

कंचन सिंह चौहान on नवंबर 20, 2008 ने कहा…

abhi abhi suna...Lata ji ki awaz ke sath zaved ke shabda waqai bahut hi khoobsurat....! suna to tha par dhyan se nahi..!

Alpana Verma on नवंबर 20, 2008 ने कहा…

bahut hi sundar geet hai..

Harshad Jangla on नवंबर 22, 2008 ने कहा…

Manishbhai

Very well done.
Thanx.

-Harshad Jangla
Atlanta, USA

एस. बी. सिंह on नवंबर 22, 2008 ने कहा…

खूबसूरत!

 

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