सोमवार, अक्तूबर 06, 2008

महेंद्र कपूर की याद मे : मेरा प्यार वो है के, मर कर भी तुम को...

महेंद्र कपूर पिछले हफ्ते इस दुनिया से रुखसत कर गए। अभी कुछ दिन पहले ही महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें इस साल का लता मंगेशकर पुरस्कार देने की घोषणा की थी। पार्श्व गायन तो उन्होंने छोड़ ही रखा था पर सत्तर से ऊपर होने के बावजूद अभी भी वो सांगीतिक गतिविधियों से अलग नहीं हुए थे। भारत के बाहर उनके कानसर्ट हर साल हुआ करते थे और अभी हाल में ये भी पढ़ा था कि गायन की सभी विधाओं में अपनी प्रतिभा दिखाने के बाद वो एक सूफी एलबम की तैयारी में जुटे थे।

महेंद्र कपूर के मशहूर गीतों से हम सब वाकिफ़ हैं। मनोज कुमार और बी आर चोपड़ा के बैनर तले बनी फिल्मों के अधिकतर गीत उन्होंने ही गाए। देशभक्ति गीतों का खयाल आते ही आज भी जनता को पहले उन्हीं का चेहरा ज़ेहन में आता है पर मैंने तो अन्य कोटि के गीतों में भी कपूर साहब की गायिकी को बेहतरीन पाया है। आज मैं वो गीत आपके सामने पेश कर रहा हूँ वो मुझे बेहद पसंद रहा है। जब भी इसे गुनगुनाता हूँ, मन पूरी तरह इसके भावों में डूब जाता है।


ओ पी नैयर के संगीत निर्देशन में 'ये रात फिर ना आएगी' फिल्म के इस गीत को लिखा था शमसुल हूदा 'बिहारी' यानि एस.एच.'बिहारी' साहब ने। अब उनका जिक्र आया है तो ये बताना मुनासिब होगा कि अपने नाम के अनुरूप बिहारी साहब बिहार के एक नगर आरा के निवासी थे। यूँ तो उन्होंने ज्यादा फिल्मों के लिए गीत नहीं लिखे पर जिनके लिए भी लिखा कमाल लिखा। प्रेम की भावनाओं को व्यक्त करने का उनका तरीका ही अलहदा था। क्या आपको नहीं लगता कि प्रेम को शिद्दत से महसूस करने वाला ही ये लिख सकता है

खुदा भी अगर तुमसे आ के मिले तो
तुम्हारी क़सम है मेरा दिल जलेगा

इसी फिल्म के लिए आशा जी का अमर गीत यही वो जगह है भी बिहारी साहब की लेखनी की उपज था।

बिहारी के इस इस गीत को महेंद्र जी ने इस भाव प्रवणता से गाया है कि ये गीत आपके मूड को संजीदा करने की ताकत रखता है... तो आइए सुनें ये गीत



और ये रहा विश्वजीत पर फिल्माए इस गीत का वीडिओ



मेरा प्यार वो है के, मर कर भी तुम को
जुदा अपनी बाहों से होने न देगा
मिली मुझको जन्नत तो जन्नत के बदले
खुदा से मेरी जाँ तुम्हें माँग लेगा
मेरा प्यार वो है ........

ज़माना तो करवट बदलता रहेगा
नए ज़िन्दगी के तराने बनेंगे
मिटेगी न लेकिन मुहब्बत हमारी
मिटाने के सौ सौ बहाने बनेंगे
हक़ीकत हमेशा हक़ीकत रहेगी
कभी भी न इसका फ़साना बनेगा
मेरा प्यार वो है ... ...

तुम्हें छीन ले मेरी बाहों से कोई
मेरा प्यार यूँ बेसहारा नहीं है
तुम्हारा बदन चाँदनी आके छू ले
मेरे दिल को ये भी गवारा नहीं है
खुदा भी अगर तुमसे आ के मिले तो
तुम्हारी क़सम है मेरा दिल जलेगा
मेरा प्यार वो है के ... .....

महेंद्र कपूर ने उस काल खंड में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई जब रफी, किशोर और मुकेश जैसे महान गायक अपनी चोटी पर थे। ये भी एक कारण रहा कि जिस शोहरत और सम्मान के वो हक़दार थे वो पूरी तरह उन्हें नहीं मिल पाया। इस बात का मुगालता कपूर साहब को भी रहा। एक पत्रिका को दिए अपने साक्षात्कार में एक बार उन्होंने बड़ी विनम्रता से पूछा था

".....मेरे बारे में इतना कम लिखा जाता है। मुझे समझ नही आता क्यूँ ? क्या मैंने कोई गलती की है? ....."


महेंद्र कपूर तो नहीं रहे पर उनके गाए गीत आने वाली पीढ़ियों के दिलों को भी जीतते रहेंगे ऍसी आशा है।
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14 टिप्पणियाँ:

Nitish Raj on अक्तूबर 06, 2008 ने कहा…

अनोखी आवाज के मालिक थे महेंद्र साहब मेरे पापा को बहुत पसंद थे साथ ही रफी साहब। बहुत ही ठहराव के साथ गले का जादू बोलता था। धन्यवाद।

कंचन सिंह चौहान on अक्तूबर 06, 2008 ने कहा…

mere favourite geeto me ek ye geet kabhi badi masti se dob ke gate ham log aur jaisa ki aap ne kaha ki is ke bhavo me utarte chale jate the... ab saam ne baith kar koi confidence se kahe ki

तुम्हें छीन ले मेरी बाहों से कोई
मेरा प्यार यूँ बेसहारा नहीं है
तुम्हारा बदन चाँदनी आके छू ले
मेरे दिल को ये भी गवारा नहीं है
bhala kaun sa dil hai jo jhuk nahi jayega :) :)

sunavaane ka shukriya..!

mamta on अक्तूबर 06, 2008 ने कहा…

महेंद्र कपूर तो नहीं रहे पर उनके गाए गीत आने वाली पीढ़ियों के दिलों को भी जीतते रहेंगे ऍसी आशा है।

आपकी इस बात से पूरी तरह सहमत है ।

अमिताभ मीत on अक्तूबर 06, 2008 ने कहा…

बहुत पसंद है मुझे भी ये गाना.

Udan Tashtari on अक्तूबर 07, 2008 ने कहा…

बहुत आभार इस प्रस्तुति का. महेन्द्र कपूर हमेशा याद किए जायेंगे.

Sajeev on अक्तूबर 07, 2008 ने कहा…

good choice है मनीष भाई पर लेख कुछ संक्षिप्त ही लगा, आपके स्तर का नही लगा कुछ

rakhshanda on अक्तूबर 07, 2008 ने कहा…

बहुत ही खूबसूरत आवाज़ के मालिक थे, रफी साहब के बाद अगर किसी की आवाज़ में खूबसूरती थी तो वो बिलाशुबह महेंदर जी थे..लेकिन ऐसे महान कलाकार के देहांत के बाद मीडिया ने उन्हें ज़रा भी तवज्जा नही दी, इस बात का दुःख है...

डॉ .अनुराग on अक्तूबर 07, 2008 ने कहा…

चलो एक बार फ़िर से अजनबी बन जाये हम दोनों.....


मुझे सबसे अजीज है ,बी आर चोपडा ने उन्हें वाकई तरजीह दी ओर उन्होंने उनके विशवास को डिगने नही दिया ..ऐसी महँ आवाज को श्रधान्जली

Anita kumar on अक्तूबर 07, 2008 ने कहा…

बड़िया प्र्स्तुति और गाना भी लाजवाब चुना , मेरी पसंद का,बहुत अच्छी लगी ये पोस्ट

Harshad Jangla on अक्तूबर 08, 2008 ने कहा…

Manishbhai

Very nice post.
Thanx.

-Harshad Jangla
Atlanta, USA

एस. बी. सिंह on अक्तूबर 08, 2008 ने कहा…

बहुत सुंदर प्रस्तुति । महेंद्र कपूर जी को श्रद्धा सुमन

pallavi trivedi on अक्तूबर 11, 2008 ने कहा…

महेंद्र कपूर जी को श्रद्धांजलि....बहुत अच्छा गीत सुनवाया आपने!

Abhishek Ojha on अक्तूबर 13, 2008 ने कहा…

महेंद्र कपूर सुनते ही महाभारत की याद आती है ! और कुछ गाने जिनमें एक तो यही है, बाकी... 'चलो एक बार फिर से'... भी बहुत पसंद है !

travel30 on जनवरी 13, 2009 ने कहा…

Maish ji.. agar aapke pas yeh song hai to pls pls mujhe mail kar dijiye.. pahli baar suna yeh song aur dil ko bha gaya pahli hi baar mein . pls mail it to rohittripathi60@gmail.com

pls bhej dijiyega dhanyawaad

 

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